न्यास निर्माण
श्री भगवान परशुराम मंदिर पंचपुरमधाम के समिति अध्यक्ष श्री श्याम किशोर ठाकुर जी के निर्देश पर न्यास का गठन और निबंधन किया गया। जिसके लिए अधिकृत नाम "श्री भगवान परशुराम तीर्थ पंचपुरमधाम" का निबंधन अधिकृत अध्यक्ष श्री मनीष कुमार सिंह के नेतृत्व में किया गया।
श्री भगवान परशुराम जी के असीम आशीर्वाद से 18 अक्टूबर 2024 को ‘‘श्री भगवान परशुराम तीर्थ पंचपुरमधाम’’ नाम से न्यास का गठन किया गया।
कमिटी के सदस्य इस प्रकार से थें
मनीष कुमार सिंह - अध्यक्ष
दिग्विजय चौधरी - उपाध्यक्ष
राकेश रंजन - सचिव
महेश तिवारी - कोषाध्यक्ष
सुनील कुमार - न्यासी
अखिलेश चौधरी - न्यासी
अरविंद कुमार - न्यासी
सुशील कुमार - न्यासी
अमरेश कुमार - न्यासी
रंजीत कुमार - न्यासी
प्रकाश कुमार दुबे - न्यासी
वहीं 05 सितंबर 2025 की बैठक में अबतक के कार्यों और जिम्मेवारी के आधार पर न्यास में अहम् बदलाव किया गया है। जिसमें पूर्व के 6 सदस्यों को पूर्व न्यासी समिति का सदस्य बनाया गया है वहीं 6 नये सदस्यों को न्याय में नियुक्त किया गया है।
न्यास के निबंधन के नियमानुसार और पेज नंबर 10 में अंकित अधिकार के अनुसार न्यास के सदस्यों को बदला गया है।
नव नियुक्त न्यासियों के साथ न्याय की संरचना इस प्रकार से हो गई है -
मनीष कुमार सिंह - अध्यक्ष
दिग्विजय चौधरी - उपाध्यक्ष
राजीव कुमार ठाकुर - सचिव
उमेश कुमार मिश्रा - कोषाध्यक्ष
सुनील कुमार - न्यासी
कृष्ण कुमार सिंह - न्यासी
सुजीत कुमार - न्यासी
अखिलेश चौधरी - न्यासी
राज कुमार - न्यासी
सुशील कुमार - न्यासी
प्रदीप कुमार झा - न्यासी
वर्तमान बदलाव के बाद सभी न्यासियों का कार्यकाल अगले 1 (एक) साल के लिए रहेगा और समीक्षा के बाद कार्यकाल बढ़ाया भी जा सकता हैं।
स्थाई कमिटीयों का निर्माण
न्यास के संचालन के लिए आवश्यक एवं महत्वपूर्ण कमिटीयाँ निम्न प्रकार से होगें एवं उनकी जबावदेही बैठकों में तय किया जाएगा। जिसके लिए अध्यक्ष के हस्ताक्षर से ही किसी भी कमिटी का निर्माण होगा एवं उसके सदस्यों के नियुक्ति पत्र पर भी हस्ताक्षर होगा।
आजीवन संरक्षक सह मुख्य संरक्षक
श्री श्याम किशोर ठाकुर जो कि 30 दिसंबर 2012 से लगातार न्यास के स्थापना तक मंदिर कमिटी के अध्यक्ष के रूप में योगदान देकर एक विशाल मंदिर और सामाजिक भावनाओं के साथ उनके बीच एक समन्वय बनाकर मंदिर का संचालन किया। इसलिए उनके अद्धितीय योगदान और समर्पण को देखते हुए आजीवन संरक्षक पद पर बने रहेगें को इस न्यास के निबंधन में अंकित किया गया हैं।
